An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान shiv chalisa in hindi शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । Shiv chaisa जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल Shiv chaisa धामा
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥